Gallstones: Types, cause, Symptoms and more in hindi

Gallstone

What is Gallstone (Cholelithiasis) in hindi?
पित्ताशय की पथरी क्या है?

  • पित्ताशय की पथरी (Gallstone) एक क्रिस्टल जैसा पदार्थ होता है जो पित्त की थैली (gallbladder) में बनता है। जिसे मेडिकल भाषा में Cholelithiasis (कोलेलीथिअसिस) कहा जाता है।
  • ज्यादातर लोगो में (लगभग 80%) जिन्हें पित्ताशय की पथरी की समस्या है उनमें Gallstone (cholelithiasis) के कोई लक्षण देखने को नही मिलते है। 
  • लेकिन यदि gallstone पित्त की नलिकाओं (bile duct) में जाकर फस जाए तो वहां संक्रमण (infection), सूजन, और पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द जैसी समस्या होती है।

TYPE OF GALLBLADDER STONE (पित्ताशय की पथरी के प्रकार)

पित्ताशय (gallbladder) में बनने वाली पथरी के निम्न प्रकार है:

  1. Cholesterol gallstones (कोलेस्ट्रॉल गैलस्टोन) - यह पित्त की थैली (Gall bladder) में बनने वाली सबसे सामान्य प्रकार की पथरी (Gallbladder stone) है। पित्त रस (Bile) में आवश्यकता से अधिक कोलेस्ट्रॉल होने से यह पथरी बनती है। इसका रंग पीला होता है। कोलेस्ट्रॉल गैलस्टोन में 80% कोलेस्ट्रॉल होता है। 
  2. Pigment gallstone (पिग्मेंट गैलस्टोन) - इसका रंग गहरा-भूरा होता है। यह पथरी पित्त रस (Bile) में आवश्यकता से अधिक मात्रा में बिलीरूबीन होने से बनती है। इसके साथ ही इसमें कुछ मात्रा में कोलेस्ट्रॉल भी पाया जाता है। बिलीरूबीन एक ऐसा द्रव (liquid) है जो लीवर में बनता है और पित्ताशय (Gallbladder) में स्टोर होता है।  

CAUSES & RISK FACTORS OF GALLBLADDER STONE (पित्ताशय की पथरी के लक्षण व जोखिम कारक) 

पित्त की पथरी (Gallbladder stone/ Cholelithiasis) तब बनने लगती है जब गॉलब्लेडर का केमिकल संतुलन बिगड़ जाता है। 

CAUSES (कारण)

पित्ताशय (Gallbladder) में पथरी बनने के कुछ कारण ये हो सकते है:
  • जब पित्त रस में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक हो जाये - आमतौर पर लीवर से निकलने वाला कोलेस्ट्रॉल पित्तरस (Bile) में घुल (Disolve) जाता है लेकिन अगर लीवर से बहुत अधिक मात्रा में कोलेस्ट्रॉल निकलने लगे तो वह Bile में नहीं घुल पाता जिससे कोलेस्ट्रॉल के क्रिस्टल बनने लगते है। बाद में यही क्रिस्टल पथरी(Gallbladder stone) बन जाते है। 
  • जब पित्त रस में बिलीरूबीन की मात्रा अधिक हो जायेबिलीरूबीन एक ऐसा केमिकल है जो लीवर द्वारा पुरानी RBC (Red Blood Cells) को तोड़ने से निकलता है। लेकिन कुछ कारणों (जैसे लीवर सिरोसिस; Liver cirrhosis) से लीवर अधिक मात्रा में बिलीरूबीन उत्पन्न करने लगता है। लेकिन पित्ताशय (Gallbladder) ज्यादा मा त्रा में बिलीरूबीन को तोड़ नहीं पाता इसिलिए बिलीरूबीन कठोर गहरे-भूरे रंग की पथरी में बदल जाता है। 
  • जब पित्ताशय पूरी तरह से खाली न हो पाये - जब पित्ताशय (Gallbladder) पूरी तरह से खाली न हो पाये तो उसके अंदर का पित्त रस (Bile) जमा होने लगता है, बाद में यही जमा हुआ  पित्त रस (Bile) पथरी (Gallstone) बन जाता है। 

RISK FACTORS (जोखिम कारक)

पित्ताशय (Gallbladder) में पथरी बनने के जोखिम कारक ये हो सकते है:
  • लीवर की समस्या (Liver disease)
  • आरामदायक जीवन प्रणाली (Sedentary lifestyle)
  • गर्भावस्था (Pregnancy) (गर्भावस्था में एस्ट्रोजन का निर्माण अधिक होता है, शरीर में अतिरिक्त एस्ट्रोजन बनने से यह कोलेस्ट्रॉल के उत्पादन को बढ़ाता है)
  • मोटापा (Obesity)
  • पारिवारिक इतिहास (Family history) 
  • अधिक वसा और कोलेस्ट्रॉल वाला भोजन (High fat & cholestrole diet) 
  • डायबिटीज (Diabetes) (डायबिटीज में शरीर में Tryglycerides की मात्रा बढ़ जाती है, यह भी एक प्रकार की फैट है जो Gallstone के खतरे को बढ़ावा देती है)
  • कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाओं का सेवन, जैसे स्टैनिन (Stanin) 
  • 60 साल से अधिक उम्र (Age more than 60 year)
  • जानबूझकर जल्दी से वजन घटाना (Losing weight very quickly)
  • महिलाए का अधिक एस्ट्रोजन युक्त दवाये लेना ( Taking medications contain estrogen)
यह भी पढ़े: हर्निया क्या है?

SIGN & SYMPTOMS OF GALLBLADDER STONE (पित्ताशय की पथरी के लक्षण)

ज्यादातर मामलों में cholelithiasis (gallstone) के किसी प्रकार के लक्षण दिखाई नहीं देते है ऐसे Gallstone को "साइलेंट स्टोन" (Silent Stone) भी कहते है। इस प्रकार के Gallstone में किसी भी प्रकार के उपचार (Treatment) की जरूरत नहीं होती है। 
लेकिन जैसे-जैसे पथरी की जटिलताएं बढ़ने लगती है, लक्षण भी उभरने लगते है। क्योंकि इसका दर्द कुछ समय के अंतराल के बाद अचानक आता है इसीलिए इसे "गैलस्टोन अटैक" (Gallstone attack) के रूप में जाना जाता है।
  • इसमें रोगी को अचानक तेज दर्द का अटैक आता है जिससे पेट के ऊपरी-दायें भाग (Upper-right portion of abdomen) तेज दर्द होता है।
  • दर्द के अटैक आने के बीच में दिन, सप्ताह, महीने या साल भर तक का समय भी लग सकता है। 
  • ये दर्द आमतौर पर फैटी भोजन करने के लगभग 30 मिनट के बाद चालू होता है। 
  कुछ अन्य लक्षण भी हो सकते है, जो निम्न है:
  • मितली और उल्टी (Nausea & Vomiting)
  • अपच (Indigestion) 
  • पेट का फूलना (Abdominal bloating)
  • पीलिया (jaundice): इसका कारण शरीर में बढ़ी हुई बिलीरूबीन की मात्रा है, क्योंकि बिलीरूबीन में पीले रंग का वर्णक (Pigment) होता है।   


ASSESSMENT/DIAGNOSIS OF GALLBLADDER STONE (पित्ताशय की पथरी का परिक्षण/निदान)

  • History collection & Physical examination (शारीरिक परिक्षण) - इसमें डॉक्टर या नर्स आपसे आपकी पिछली मेडिकल जानकारी के बारे में पूछते है। इससे इस बीमारी के संभावित कारणों (Possible reasons) व अन्य स्तिथियों का पता लगाने में मदद मिलती है। डॉक्टर या नर्स पेट को छूकर किसी प्रकार की सूजन या दर्द का पता लगते है। 
शरीर की अंदर से जांच करने के लिए कुछ अन्य डायग्नोस्टिक टेस्ट (नैदानिक परिक्षण) भी किये जाते है :
  • Ultrasound (अल्ट्रासाउंड) - इसमें ध्वनि तरंगो के माध्यम से शरीर के अंदर के हिस्सों की तस्वीरें ली जाती है। अल्ट्रासाउंड की मदद से पित्ताशय की पथरी (Gallstone) अच्छे से दिखाई देती है। इसीलिए पित्ताशय की पथरी का पता लगाने का यह सटीक तरीका (Confirmative test) है। 
Ultrasound
Ultrasound
  • MRI (एमआरआई) - इसकी मदद से पित्त की नलिकाओं (Bile duct) और अग्नाशय (Pancrease) की तस्वीरें ली जाती है। 
  • CT Scan (सीटी स्कैन) - इससे लीवर, पित्त नलिकाओं (Bile duct) और अग्नाशय (Pancrease) की तस्वीरें ली जाती है। 
    MRI
    MRI or CT SCAN

  • Endoscopic ultrasound (एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड) - यह टेस्ट एंडोस्कोप नाम की डिवाइस से किया जाता है। इसके द्वारा छोटी से छोटी पथरी (Gallstone) को भी साफ़ देखा जा सकता है। एंडोस्कोप एक ऐसी डिवाइस है जिसमे एक पतली-लचीली ट्यूब होती है जिसके आगे टैलीस्कोपिक कैमरा लगा होता है जिसे मुँह या नाक के रस्ते से शरीर के अंदर भेजा जाता है। 
    Endoscopic ultrasound
    Endoscopic ultrasound 


  • MANAGEMENT/ TREATMENT OF GALLBLADDER STONE (पित्ताशय की पथरी का उपचार)

    1. MEDICAL TREATMENT (दवा द्वारा उपचार):

     Ursodiol: यह कोलेस्ट्रॉल से बने स्टोन को गलाने (disolve) में मदद करती है।  

    2. NON SURGICAL TREATMENT  (बिना सर्जरी के उपचार) :

    • Extracorporeal Shock Wave Lithotripsy; ESWL (एक्स्ट्राकोर्पोरियल शॉक वेव लिथोट्रिप्सी) - यह एक प्रकार की डिवाइस है जिसकी मदद से शॉक वेव के द्वारा पथरी को टुकड़ो में तोड़ दिया जाता है। 

    3. SURGICAL TREATMENT (सर्जरी के द्वारा उपचार) :

    • Laproscopic cholecystectomy (लेप्रोस्कोपिक कोलेसिस्टेक्टोमी) - इसमें एक ट्यूब जैसी डिवाइस के साथ कैमरा और सर्जिकल उपकरण लगे होते है, जिसे पेट में छोटा सा चीरा लगाकर शरीर के अंदर भेजा जाता है और सर्जरी के द्वारा पित्ताशय (Gallbladder) को हटा दिया जाता है।  अक्सर लोग चिंतित रहते है की पित्ताशय को हटाने से उनका शरीर काम नहीं कर पायेगा लेकिन पित्ताशय के बिना भी हम जीवित रह सकते है। पित्ताशय निकाल देने पर पित्त रस (Bile) लीवर से सीधा छोटी आंत (small intestine) में बहने लगता है।    

    COMPLICATIONS OF GALLBLADDER STONE (पित्ताशय की पथरी के दुष्परिणाम)

    • Jaundice (पीलिया) 
    • Gallbladder cancer (पित्ताशय का कैंसर)
    • Cholecystitis (कोलेसिस्टिटीस) - पित्ताशय (Gallbladder) का इंफेक्शन 
    • Pancreatitis (पैनक्रियटाइटिस) - अग्नाशय (Pancrease) का इंफेक्शन 
    • Cholangitis (कोलेनगाइटिस) - पित्त की नलिका (Bile duct) का इंफेक्शन 
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    Questions releted to Gallston (Cholelithiasis)
    पित्ताशय की पथरी से संबंधित सवाल 

    Question: Cholelithiasis and cholecystitis is same case or not?
    Answer:  Cholelithiasis and cholecystitis bot case arre different. Cholelithiasis means stone in gallbladder and cholecystitis means infection of gallbladder.
       
    Question: Is bryophyllum helps to prevent 22mm gallstone?
    Answer:  According to ayurveda break two leaves of Bryophyllum pinnatum (Kalanchoe pinnatum) and clean it well and take with hot water on an empty stomach.

    Question: If you have gallstone than you can lift weight of gym and running daily or not?
    Answer: You can, if the size of gallstone is less than 3mm, but after the weight lifting you feel pain near around of abdomen then stop you avoid it.
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    Dev chaudhary
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